रामायण (आदिकाव्य)
*राम+अयन =दीर्घसन्धि
*रचयिता ः महर्षि वाल्मीकि(आदिकवि)
* सर्ग=645
*श्लोक =24000(चतुर्विंशतिसाहस्रीसंहिता)
*लौकिक संस्कृत का प्रथम श्लोक - मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समा।
*प्रमुख छन्द - अनुष्टुप
*मुख्य रस- करुण
*कुल काण्ड =7 बालकांड, अयोध्या,अरण्य, किषकिन्धा, सुन्दर, युद्ध, उत्तरकांड।
*राजादशरथ +कौशल्या, कैकयी. सुमित्रा
चार पुत्र - राम, भरत. लक्ष्मण. शत्रुघ्न।
पुत्री =शांता (श्रृंगी ऋषि से विवाह)
1बालकांड =क्रौञ्च प्रकरण, अश्वमेध यज्ञ का वर्णन, रामावतार, राजा सगर की कथा, गंगा की कथा, अहिल्या उद्धार, ताडकावध, शिव धनुष, राम सीता विवाह,
२अयोध्याकांड = राम राज्यभिषेक की तैयारी, कैकयी ने 2वर मांगे, वनवास
3 अरण्यकांड = दण्डकारण्य, सूर्पनखा वध, खर दूषण वध, सीता हरण, जटायु वध, राम का करुण विलाप, राम की कबंध से भेंट, शबरी वृतांत,
4 किषकिन्धाकांड = राम सुग्रीव मैत्री, बालि वध. तारा विलाप, प्रश्रवण गिरि पर्वत पर चार महीने निवास, सीता की खोज,
5 सुन्दरकांड = सीता ने राम को दी चूड़ामणि, लंकादहन.
६ युद्ध कांड = राम रावण युद्ध. लक्ष्मण को शक्ति लगना. सजींवनी बुटी लाना, सीता की अग्नि परीक्षा, राम का राजतिलक, राम भरत मिलाप,
7 उत्तरकांड
लवणासुर वध, राजा नृग आख्यान, ययाति आख्यान,
शंबूकवध, सीता का पाताल गमन
रावण की माता - कैकसी
बालि राजा था = पंपापूर का
वाल्मीकि का पूर्व नाम - रत्नाकर
इक्ष्वाकुवंश के राजगुरु - वशिष्ठ
महाभारत
विश्व साहित्य का सबसे बड़ा ग्रन्थ - महाभारत
रचनाकाल =महर्षि वेदव्यास
श्लोक - 100000 शतसाहस्री
आर्षकाव्य = महाभारत
महाभारत का क्रम -
जय(8800). भारत(24000). महाभारत(100000)
छन्द - अनुष्टुप
रस - शान्त रस
कुल पर्व= 18
सबसे बड़ा पर्व - शान्ति पर्व
सबसे छोटा - महाप्रस्थानिक पर्व
1आदि पर्व, - शकुन्तलोपाख्यान, कौरव पांडवों का जन्म, चन्द्रवंशोत्तपत्ति
2 सभा पर्व, - जरासंध का वध, शिशुपालवध, जूए में पांडवों की हार,
3 वन पर्व,- नलोपाख्यानम्, इन्द्र द्वारा कर्ण का कवच कुंडल मांगना, जयद्रथ द्वारा द्रौपदी हरण,
4विराट पर्व, - पांडवों का अज्ञातवास, कीचक वध,
5 उद्योग पर्व, - युद्ध की पूर्व पीठिका
6भीष्म पर्व, गीता उपदेश, भीष्म शरशय्या पर,
7द्रोण पर्व, - द्रोण वध,
8 कर्ण पर्व - कर्ण वध
9 शल्य पर्व,-दूर्योधन भीम का गदा युद्ध, दूर्योधन का उरुभंङ,
10 सौप्तिक पर्व, - द्रौपदी के पुत्रों की हत्या, दूर्योधन का प्राण त्याग,
11 स्त्री पर्व, - कुन्ती पांडवों को करण का वृतांत सुनाती हैं, युधिष्ठिर स्त्री जाति को शाप देते हैं।
12शांति पर्व, - भीष्म द्वारा युधिष्ठिर को उपदेश.
13अनुशासन पर्व- शिवसहस्रनामस्तोत्र, विष्णुसहस्रनाम, भीष्म का स्वर्गारोहण।
14 आश्वमेधिक पर्व, - युधिष्ठिर राज्य सम्भालते है,
15 आश्रमवासिक पर्व - धृतराष्ट्र, गांधारी का वनाश्रम गमन
16 मौसल पर्व - यादव वंश का नाश
17 महाप्रस्थानिक पर्व - पांडवों की हिमालय यात्रा
18स्वर्गारोहण पर्व - युधिष्ठिर का सशरीर स्वर्ग जाना
अज्ञातवास में पांडवों के नाम =
युधिष्ठिर - वैयाघ्रपदम
भीम- वल्लभ
अर्जुन - वृहन्नला
नकुल - ग्रन्थिक
सहदेव - अरिष्टनेमि
द्रौपदी - सैरन्ध्री
कुन्ती का वंश - वृष्णि वंश
पांडवों का पुरोहित - धौम्य
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